कालसर्प दोष को लेकर हर व्यक्ति कोई ना कोई भ्रम में अवश्य है कि यह क्या हैऔर इसका निवारणकैसे किया जा सकता है। यह शुभ है या अशुभ है। ऐसा कहा जाता है कि कालसर्प योग यह जातक की कुंडली का एक ऐसा योग है जो कि उसके पूर्व जन्म के जघन्य अपराध के फलस्वरुप या शाप के फलस्वरुप उसकी कुंडली में दिखता है। कालसर्प दोष के अनेकों लक्षण हैं सामान्य यह लक्षण कुछ इस प्रकार के हैं।
- यदि कुंडली में कालसर्प दोष योग होता है, तो वो अक्सर मृत परिवार के सदस्य या मृत पूर्वजो को सपने में देखता है। कुछ लोग यह भी देखते है कि कोई उन्हें गला घोट कर मार रहा है।
- इस योग से कारोबार फलीभूत नहीं होता है ,व्यवधान उत्पन्न होते हैं, सौदे टूटने लगते हैं तथा कारोबार में हानि होती है। साथ ही धन की कमी से काफी हानि होती है।
- इसके कारण बार-बार कोई न कोई दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
- कालसर्प के कारण उनको संतान प्राप्ति के दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
- विवाह में भी काफी दिक्कतें आती हैं ,यदि विवाह में विलंब होता है तो यह भी कालसर्प दोष का एकक्षण है। वैवाहिक जीवन में अनेकों परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं जिस कारण से वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो जाता है और तलाक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
- सोते समय ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई मरने की कोशिश कर रहा है। उसे सपने नदी, तालाब और समुद्र दिखाई देता है।
- कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति, बीमारी में या किसी भी परेशानी में अपने आप को अकेला महसूस करता है। पीड़ित व्यक्ति को रात को सोते समय सर्प के सपने आते हैं और अपने शरीर पर सांप लिपटे हुए दिखाई देते हैं।
- व्यक्ति को हमेशा घबराहट महसूस होती है और वह हमेशा बेचैन रहता है। अकेलेपन एवं सुनसान स्थान पर जाने में उसे डर लगता है।
- व्यक्ति को पढाई–लिखाई में रुकावट होना या पढ़ाई में मन न लगना , पढ़ाई बीच में ही छूट जाना।किसी तरह की कोई आर्थिक, सामाजिक और शारीरिक बाधा उत्पन्नहोने के कारण में पढाई–लिखाई में व्यवधान उत्पन्न हो जाता है।
- घर में परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक नहीं होता है और अस्पतालों के चक्कर काटते रहते हैं परंतु किसी भी बीमारी का पता नहीं चलता है।आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
- घर में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्यों के दौरान बाधा उत्पन्न होती है रोकनेपड़ते हैं।
- हमेशा घर परिवार में क्लेश का माहौल बना हुआ रहता है और पारिवारिक सौहार्द खत्महो जाता है।
- घर के किसी भी सदस्य पर भूत–प्रेत का साया या घर केसभी सदस्य चिड़चड़े स्वभाव के हो जाते हैं। जातक की कुंडली में कालसर्प दोष के कारण जातककेमाता–पिता को कष्ट उत्पन्न होता है।
कालसर्प दोष को दूर करने के उपाय
- सवा महीने तक हर दिन सुबह उठने के तुरंत बाद आपको पक्षियों को जौ के दाने खिलाने चाहिए।
- अपने घर के मुख्य द्वार पर अष्टधातु या चांदी का स्वस्तिक लगाएं। ध्यान रखें कि आपको यह टांगना नहीं है बल्कि दरवाजे या दीवार पर चिपकाना है। साथ ही आप दोनो में से किसी भी धातु से बना नाग भी लगा सकते हैं। 3-अमावस्या के दिन पितरों को शांत कराने हेतु दान आदि करें तथा कालसर्प योग शान्ति पाठ कराये।
- सोमवार के दिन आपको को शिव मंदिर में चांदी का नाग दान करना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो केवल मंदिर में जाकर चांदी के नाग की पूजा ही कर लें।
- सावन के महीने में 30 दिनों तक भगवान शिव का जल से अभिषेक करें।
- प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करें। अभिषेक का अर्थ है कि आप पानी में थोड़ा सा दही का अंश मिला लें और बाकी दही का दान करें।
- ओम नमः: शिवाय’ की 21 माला जाप करें। इसके बाद शिवलिंग का गाय के दूध से अभिषेक करें। तांबे का बना सर्प शिवलिंग पर समर्पित करें।
- सोमवार के मसूर की दाल को दान करें। सूखे नारियल के फल को बहते जल में प्रवाहित करें।
- महामृत्युंजय कवच का नित्य पाठ करें और सावन के महीने में एक बार शिव जी का रुद्राभिषेक जरूर करें।
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- शनिवार का व्रत करें और राहु,केतु व शनि के साथ हनुमान जी की आराधना करें।
- शनिवार के दिन श्री शनिदेव को तेल अर्पित करें। आप तिल या फिर सरसों का तेल शनिदेव को अर्पित कर सकते हैं।
- प्रत्येक बुधवार को काले वस्त्रों में उड़द या मूंग दाल डालकर, राहु के मंत्र का जप करें। फिर इस दाल को पीपल के पेड़ में चढ़ा दें।
- कालसर्प योग हो और जीवन में लगातार गंभीर बाधा आ रही हो तो केतु के मंत्रों का जप भी करना चाहिए।
- कालसर्प को दूर करने के लिए गणेश जी की आराधना करनी चाहिए।
- भगवान श्री कृष्ण आराधना करने से भी यह दोष शांत होता है।
कालसर्प योग दोष पूजा नियम
- यह पूजा करने के लिए एक दिन पहले त्र्यंबकेश्वर में आना जरुरी है।
- यह पूजा अकेला व्यक्ति भी कर सकता है, किन्तु गर्भवती महिला इसे अकेले नहीं कर सकती।
- इस योग से ग्रसित व्यक्ति बालक होने पर उसके माता-पिता इस पूजा को एक साथ कर सकते है।
- पवित्र कुशावर्त तीर्थ पर जाकर स्नान करके पूजा करने के लिए नए वस्त्र धारण करना आवश्यक है।
- इस पूजा को करने के लिए पुरुष धोती, कुडता एवं महिला सफेद साडी पहनती है।
कालसर्प दोष से संबंधित प्रश्न
कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति है, तो इसे दोष को ख़त्म करने के लिए रोजाना पूजा के समय महामृत्युंज मंत्र का जप करें। इसके अलावा, संजीवनी मंत्र के जप से भी कालसर्प दोष दूर होता है। अतः रोज पूजा के समय शिव मंत्रों का जप करें। ज्योतिषियों की मानें तो भगवान विष्णु की पूजा करने से भी कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है।
कालसर्प दोष का निवारण त्र्यंबकेश्वर में होता है।
राहु-केतु के मध्य शेष में से छह ग्रह हों एवं एक ग्रह बाहर हो तो वह ग्रह राहु के अंश से अधिक अंश में हो तो काल सर्प योग भंग होता है।
अगर कोई कालसर्प दोष से पीड़ित है तो उसे हर साल सावन में नागपंचमी के दिन रुद्राभिषेक करवाना चाहिए। नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन का दान करना चाहिए। इसके साथ-साथ सावन के माह में रोजाना राहु और केतु के मंत्र का जाप करें। कालसर्प दोष निवारण के लिए नागपंचमी के दिन नागों की पूजा का विधान है।
इस पूजा को करने के बाद किसी भी मंदिर में प्रवेश करने से बचना चाहिए। नाग देवता को समर्पित किसी भी मंदिर में कभी भी माथा न टेकें। इस पूजा को बालों में तेल लगाकर नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को किसी भी दोष निवारण पूजा को करने या उसमें भाग लेने से बचना चाहिए।