पूजा सफल होने के संकेत क्या होते है, पूरी जानकारी

पूजा सफल होने के संकेत क्या होते है, पूरी जानकारी

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हिन्दू समाज में पूजा आम बात है। पूजा-पाठ करने से भगवान प्रसन्न होते है। घर के सदस्यों में समृद्धि-सुख, सकारात्मक आती है। लोग घंटों तक पूजा-पाठ करते हैं और भगवान को प्रसन्‍न करने की कोशिश करते हैं। कई बार पूजा करते समय उन्हें कुछ संकेत मिलते है। जिन्हे हम कई बार नजरअंदाज भी कर देते हैं लेकिन, पूजा के दौरान मिले संकेतों से आप पता लगा सकते हैं कि आपकी पूजा सफल हुई है या नहीं।

पूजा करते समय आंख में आंसू आना

अगर पूजा करते समय आँखों से आंसू आना इस बात का संकेत है कि आपके मन में जो दुख है वह अब जल्द ही समाप्त होने वाला है। साथ ही आप व्याप्त बुराइयों पर जीत हासिल कर लेंगे।

हाथ का जलना

पूजा का दीपक जलते समय या पूजा-पाठ के किसी कार्य के दौरान आपका हाथ जल जाता है। इसका अर्थ है कि पूजा के दौरान आपसे कोई गलती हुई है। ऐसे में कोशिश करें की आप भगवान की पूजा और अनुष्ठान सही तरीके से करें।

पूजा के समय उबासी आना

पूजा के दौरान बार-बार उबासी आती है, तो इसका मतलब होता है कि आपके अंदर किसी न किसी तरह की नेगेटिविटी मौजूद है। साथ ही कई बार मलिन विचारों के कारण भी आपको पूजा के दौरान उबासी आ सकती है।

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दीपक की लौ

दीपक की लौ से कई संकेत मिलते है। अगर दीपक की लौ की और जाती है, तो आपको समझ जाना चाहिए कि भगवान ने आपकी पूजा को स्वीकार कर ली है। गवान आपकी भक्ति से प्रसन्न हुए हैं और जल्द ही वो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे।

भगवान की तस्वीर से फूल गिरना

अगर पूजा के दौरान भगवान की तस्वीर या मूर्ति से फूल या माला गिरती है और आपके पास आती है, तो इसे भी शास्त्रों में शुभ संकेत ही माना गया है। इसका अर्थ है कि भगवान की कृपा आप पर पड़ने वाली है और वह पूजा से प्रसन्न है। आपकी मनोकामना भगवान तक पहुंच गया है और जल्दी ही पूरी होने वाली है।

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पूजा के दौरान बुजुर्ग का आना

अगर आपकी पूजा के दौरान घर में पिता, गुरु, ब्रह्माण या कोई बड़ा बुजुर्ग आता है, तो इसे भी शुभ संकेत माना जाता है। इस संकेत का मतलब होता है कि देवी-देवताओं ने आपकी किस्मत को स्वीकार कर लिया है और जल्द ही आपको आपकी सभी समस्याओं से छुटकारा मिलने वाला है।

दोहरी सोच में पड़ना

भगवान हमेशा सच्चे मन से की गई पूजा को स्वीकार करते हैं। अगर कोई व्यक्ति पूजा करते समय सो जाता है तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति के मन में दोहरी सोच सक्रिय है।

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उसके मन में कई तरह के विचार आ रहे हैं। अगर आप अशांत अवस्था में भगवान की पूजा करते हैं तो आपको नींद आने लगती है।

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पूजा के दौरान हाथ जलना

अगर दीपक जलाते समय या कोई अनुष्ठान करते समय आपका हाथ जल जाता है, तो इसका मतलब है कि पूजा के दौरान आपसे कोई गलती हुई है। ऐसी स्थिति में कोशिश करें कि भगवान की पूजा और अनुष्ठान सही तरीके से करें।

धुप से निकला धुआँ भगवान की तरफ जाना

धुप से निकला धुआँ भगवान की तरफ जाता है, तो इसका मतलब होता है कि आपको भगवान का आशीर्वाद मिल गया हैं। अब आपके दुःख की घड़ी का अंत निकट हैं। खुशियाँ आपके जीवन में बड़े वेग से आपकी तरफ अग्रसर हैं। आप मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को काफी मजबूत महूसस करेंगे।

पूजा से संबंधित प्रश्न

मनोकामना पूरी होने के संकेत क्या हैं?

पूजा के दौरान भगवान की प्रतिमा से फूल का गिरना शुभ संकेत माना जाता है। इस संकेत का मतलब है यह कि जातक की मनोकामना पूरी होने वाली है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होने वाली है।

अधिक पूजा पाठ करने से क्या होता है?

इससे व्यक्ति के ऊपर ईश्वर की कृपा बनी रहती है और आंतरिक शांति भी मिलती है। अगर व्यक्ति सच्चे मन से ईश्वर की प्रार्थना करता है, तो उसके जीवन में कठिनाइयां जरूर आती हैं। क्योंकि ईश्वर उन्हीं की परीक्षा लेता है, जिससे वह सबसे ज्यादा प्रेम करता है। पूजा-पाठ एक कर्म भी माना जाता है।

खड़े होकर पूजा करने से क्या होता है?

अगर आप खड़े होकर पूजा करते हैं तो उस पूजा में आपकी जल्दबाजी नजर आती है। इसीलिए जब भी पूजा करें तो आराम से और तस्सली के साथ करें।

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रोज पूजा पाठ करने से क्या होता है?

पूजा-पाठ करने से न सिर्फ मन शांत होता है बल्कि जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। मान्यताओं के अनुसार नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से घर में सुख शांति और बरकत आती है।

पूजा में मन ना लगे तो क्या करना चाहिए?

मन शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने के लिए रोज सुबह कुछ देर ध्यान करना चाहिए। ध्यान करने से नकारात्मक विचार खत्म होते हैं, सकारात्मकता और पवित्रता बढ़ती है। 

बिना नहाए पूजा करने से क्या होता है?

बिना स्नान के पूजा करने से व्यक्ति को उसका संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है और अशुद्ध शरीर से की गई पूजा को पूर्ण रूप से स्वीकार नहीं किया जाता है। इसलिए, पूजा से पहले स्नान करना न केवल अनिवार्य होता है, बल्कि इसे शुद्ध और सफल पूजा का आधार माना गया है।


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