पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज
जी कौन हैं?
उन्होंने बहुत कम उम्र में मंत्र, प्रार्थना और नाम जपना शुरू कर दिया था।
जब वे 9वीं कक्षा में थे तब उन्होंने अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से जीने का निर्णय लिया।
सुबह के करीब 3 बजे 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने घर को त्याग दिया।
महाराज जी को नैष्ठिक ब्रह्मचर्य की दीक्षा दी गयी।
दीक्षा के बाद उनका नाम आनंदस्वरूप ब्रह्मचारी रखा गया।
उनके गुरु जी का नाम
श्री हित गोविंद शरण
जी महाराज हैं।
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