छींक आना वैसे तो स्वाभाविक होता है, लेकिन छींक किस समय आ रही है इसका भी विभिन्न अर्थ होते है। छींक आना शुभ भी है और अशुभ भी। छिनक आने पर मंगल कार्य को रोक दिया जाता है। हिन्दू धर्म में पूजा करते समय छींक आना अशुभ माना जाता है। एक छींक आना शुभ या अशुभ, दो छींक आना शुभ या अशुभ, तीन छींक आना शुभ या अशुभ, छींक आना शुभ या अशुभ ये ऐसे सवाल हैं जिसे इंटरनेट पर लोग सबसे ज्यादा सर्च करते हैं। इस लेख में छींक के शगुन और अपशगुन के बारे में बताएंगे।
शुभ कार्य पर जाते समय छींकना
जब आप कही शुभ कार्य के लिए कही जा रहे है, तो घर से निकलने से पहले छींक आ जाएं, तो इसे अपशगुन माना जाता है। लेकिन आपको एक अगर उसी के साथ दूसरी छींक आ जाए तो ऐसा माना जाता है कि आपका काम आसानी से बन जाएगा। इस छींक को शगुन की तरह देखा जाता है।
श्मशान घाट या दुर्घटना स्थल पर छींक आना
अगर आप किसी दुर्घटना स्थल पर खड़े हैं या कहीं श्मशान घाट पर गए हैं और आपको वहां छींक आ गयी है तो ऐसा माना जाता है कि शुभ है और आपके जीवन पर आने वाला संकट टल गया।
गाय का छींकना
अगर आप किसी जरूरी काम से घर से बाहर जा रहे हैं तो आपको रास्ते में कोई गाय दिख जाए और वो छींक दे तो समझिए कि आपके सारे कार्य सफल हों। यह शगुन माना जाता है।
नहाते समय छींकना
कई बार नहाते समय छींक आ जाती है, तो ये किसी बीमारी का नहीं बल्कि इस बात का संकेत है कि आपका दिन आज अच्छा होगा। यह शगुन माना जाता है।
पैसा गिनते समय छींकना
शकुन शास्त्र के अनुसार अगर पैसे गिनते समय आपको एक से अधिक बार छींक आ जाए तो समझें इससे आपको धन लाभ होने वाला है। उस पैसे को आप संभालने की जगह इंवेस्ट कर देंगे तो आपको मुनाफा होगा।
खाना खाते समय छींकना
अगर आप खाना खाते समय छींक आ जाती है, तो वह अशुभ माना जाता है। ऐसा होने पर कुछ समय के बाद खाना खाएं। वहीं यदि कोई मरीज दवा खा रहा है और उसे उस वक्त छींक आ जाए तो यह शुभ संकेत माना जाता है। इसका मतलब है कि रोगी जल्द स्वस्थ होने वाला है।
छींक रोकने का घरेलू उपाय
अदरक
एक चम्मच अदरक का रस लें। इसमें आधा चम्मच गुड़ मिलाकर दिन में दो बार खाएँ। यह छींक की समस्या से राहत दिलाता है।
दालचीनी
एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पिएँ। यह छींक से आराम राहत दिलाता है।
हींग
लगातार छींक आने पर थोड़ी-सी हींग लें। इसकी गंध को सूंघे। यह उपाय आपको बार-बार छींक आने की समस्या से राहत पहुंचाता है।
गर्म पानी का भाप
अगर आपको मौसम में बदलाव के कारण जुकाम हुआ है, तो इसके कारण भी आपको बार-बार छींक आ सकती है। इसके लिए आप गर्म पानी की भाप ले सकते हैं। यह सबसे पुराना और असरदार तरीका माना जाता है, जो छींके रोकने में मदद करता है। अगर आपको धूल-मिट्टी के कारण भी यह समस्या हुई है, तो इससे सांस की नली साफ करने में भी मदद मिल सकती है।
तुलसी का काढ़ा
तुलसी में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जो शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाते हैं। इसके लिए तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें, जब यह गुनगुना हो जाए, तो इसका सेवन कर सकते हैं। यह छींक आने की समस्या को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है।
सौंफ की चाय पिए
सौंफ में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो छींक समस्या के लिए फायदेमंद होते है। इसके लिए सौंफ की चाय पी सकते है। इसे बनाने के लिए पानी में एक-दो चम्मच सौंफ डालकर उबाल लें। जब यह गुनगुना हो जाए, तो इसका सेवन कर सकते हैं।
स्टीम लें
स्टीम लेने से छींक की समस्या पर नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए एक बाउल में पानी गर्म करें। इस पानी को टेबल पर रखें। अब सिर के उपर मोटा टॉवल रखें, फिर भाप ले सकते हैं। यह छींक की समस्या को रोकने में कारगर साबित हो सकता है।
संतरे का उपयोग
रोज दिन के भोजन के बाद एक गिलास संतरे का जूस पिएँ। इससे छींक और जुकाम से राहत मिलती है। संतरे में विटामिन-सी होता है, जो रोगों से लड़ने में मदद करता है।
सरसों का तेल
सरसों का तेल नाक में 2-3 बूंद डालें। तेल को ऊपर की ओर खींचें। इससे छींक आनी बन्द हो जाती है। यह बहुत कारगर उपाय है।
विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ
अगर आपको बार-बार छींक आने की समस्या होती है, तो इसका कारण आपकी कमजोर इम्यूनिटी भी हो सकती है। इसलिए अपनी डाइट में विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा ज्यादा बढ़ाएं।
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इससे जुकाम, छींको की समस्या और एलर्जी से भी जल्द राहत मिल सकती है। इसके लिए आप खट्टे फल जैसे कि नींबू, संतरा, आंवले के सेवन शुरू कर सकते हैं।
मेथी का इस्तेमाल
दो चम्मच मेथी के बीज को पीसकर पानी में उबालें। गुनगुना होने पर इसे पी लें। दिन में दो बार इसका सेवन करने से आराम मिलता है।
हल्दी का दूध
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इंफेक्शन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो बार-बार छींके आने की समस्या को रोक सकते हैं। हल्दी वाला दूध आपको इंफेक्शन से जल्द राहत पाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा आप हल्की की चाय का सेवन भी कर सकते हैं।
पूजा करते समय छींक से संबंधित प्रश्न
हिंदू धर्म में पूजा करते समय एक छीक का आना अशुभ माना जाता है। इसका कारण यह है कि छीक आना एक प्रकार की विकृति मानी जाती है, जो पूजा के समय भगवान की उपस्थिति में अशुद्धता को दर्शाती है।
छींकना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग आपका शरीर नाक को साफ करने के लिए करता है। जब गंदगी, पराग, धुआं या धूल जैसे बाहरी पदार्थ नाक में प्रवेश करते हैं, तो नाक में जलन या खुजली हो सकती है।
छींक को अपशकुन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई जरूरी काम से बाहर जा रहा हो और अगर तब कोई छींक दे तो वह अशुभ होता है। इसके अलावा किसी शुभ काम से पहले छींकना भी अशुभ माना जाता है।
कई बार यह छींक शुभ संकेत देती है तो कई बार अशुभ। वहीं अगर किसी ने दो बार छींक दिया है तो यह शुभ संकेत माना जाता है।
छींकने की सबसे अच्छी दवा मोन्सिट्रा टैबलेट है।