हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं को लेकर कई रीती-रिवाज है। प्रत्येक रीती-रिवाज का अपना विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर रीती रिवाज का पालन न किया गया, तो यह बहुत नुकसानदायक साबित होते है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव का विशेष महत्व है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते है-जैसे-शिवलिंग पर जल चढ़ाना, दूध चढ़ाना, फल, पान, फूल और दही आदि शिवलिंग पर चढ़ाते है और पूजा-पाठ भी करते है। विवाहित मनहिलाएँ अपने पति की लंबी आयु के लिए और कुंवारी कन्या अच्छा वर पाने के लिए व्रत करती है।
शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को पूजा करते समय शिवलिंग छूना मना है, क्योंकि कुछ कारणों से शिवलिंग छूना मना है। कुछ लोगों का कहना है कि शिव पार्वती के पति है। ऐसे में कोई स्त्री शिवलिंग को कैसे छू सकती है। शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक होता है। इसलिए महिलाओँ को शिवलिंग छूना मना है। कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग नहीं छूना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव बेहद गंभीर तपस्या में लीन रहते हैं। देवों के देव महादेव की की तपस्या भंग ना हो, इसलिए महिलाओं को शिवलिंग की पूजा करने से मना किया जाता है। कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग की पूजा सिर्फ पुरुषों द्वारा ही संपन्न की जाती है। शिवलिंग की पूजा करने के कई नियम है-
नंदी मुद्रा में करें महिलाएं शिवलिंग की पूजा
पूजा के दौरान ज्यादातर महिलाएं शिवलिंग को स्पर्श करती है। ज्योतिष शास्त्रों में शिवलिंग को पुरुष को तत्व बताया गया है। ऐसे में उसका स्पर्श महिलाओं के लिए वर्जित माना गया है। हालांकि जो महिलाएं अपनी श्रद्धा के चलते शिवलिंग को छूना चाहती हैं, उन्हें उसे नंदी मुद्रा में ही छूना चाहिए।
नंदी मुद्रा क्या होती है
नंदी मुद्रा उसे कहते है, जिसमे नंदी जी की तरह बैठा जाता है। इस मुद्रा में पहली और आखरी उंगली को सीधा रखा जाता है, वही बीच की दो उंगलियों को अंगूठे के साथ जोड़ा जाता है। इस मुद्रा में भगवान शिव की पूजा करने से बेहद प्रसन्न होते है। इस अवस्था में मांगी गई मुराद शिव जी की कृपा से पूर्ण हो जाती है। इसलिए महिलाओं को मुद्रा की पूजा करनी चाहिए।
महिलाओं को शिवलिंग की पूजा कैसे करें
महिलाओं को रोजाना शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए और हर सोमवार के व्रत करना चाहिए। रोजाना सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान करवाएं, फिर अक्षत, फल, फूल चढ़ाएं। भगवान शिव की पूजा में सबसे जरूरी बेलपत्र को माना जाता है, इसलिए पूजा सामग्री में बेलपत्र जरूर शामिल करें।
शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ नियम
- शास्त्रों में बताया गया कि शिवलिंग की उपासना स्नान-ध्यान के बाद ही करना चाहिए। शुद्ध मन और तन से शिवलिंग की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है और पूजा का फल प्राप्त होता है।
- शिवलिंग पर पंचामृत जरूर अर्पित करना चाहिए, इसके बाद भस्म या चंदन का तिलक महादेव को लगाना चाहिए। इससे भगवान शिव का श्रृंगार होता है और वह अपने भक्त से प्रसन्न होते हैं।
- शास्त्रों में बताया गया कि शिवलिंग पर हल्दी कुमकुम या सिंदूर भूलकर भी अर्पित नहीं करना चाहिए। इन्हे श्रृंगार का स्वरूप माना जाता है, लेकिन भगवन शिव आदियोगी है। उनके श्रृंगार के लिए चंदन और भस्म को ही उपयुक्त माना जाता है।
- शिवलिंग की पूजा करते समय भगवान शिव को दूध, जल, काला तिल और बेल पत्र जरूर अर्पित करें। इससे महादेव प्रसन्न होते है।
- साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि शिवलिंग पर केवड़ा या चंपा का फूल अर्पित ना करें। इसके साथ गुलाब या गंदे का फूल भी सलाह के बाद ही अर्पित करें।
- शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर कनेर, धतूरा, आक, चमेली या जूही का फल ही चढ़ाना चाहिए। साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए।
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- इसके साथ शिवलिंग के समय शिवलिंग की पूर्ण परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग की उपासना से पहले माता लक्ष्मी की उपासना जरूर करें।
- शिवलिंग की उपासना करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें। शास्त्रों में बताया गया है कि जल अर्पित करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और साधक की पूजा सफल होती है।
हाँ, महिलाएं शिवलिंग पर जल चढ़ा सकती हैं, लेकिन छू नहीं सकती है। माना जाता है शिव ज्यादातर तपस्या में रहते हैं, औरतों द्वारा शिवलिंग छूने पर शिव की तंद्रा भंग होती है और क्रोधित हो जाते हैं।
शिवलिंग की पूजा करने से पारद शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य को जीवन पर्यंत सभी सुख जैसे धन संपत्ति, समृद्धि, सफलता, सम्मान, सत्कार, संतान, सद्बुद्धि आदि प्राप्त होते हैं। साथ ही अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव की तपस्या में विघ्न डालना अनुचित माना जाता है, इसलिए शास्त्रों में अविवाहित महिलाओं को शिवलिंग को छूने से मना किया गया है।
रोजाना भगवान शिव को चढ़ाने से सुख-समृद्धि, धन-दौलत का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही अकाल मृत्यु के भय से निजात मिल जाती है।
शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने से व्यक्ति रोग से मुक्त होता है। मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि वाले दिन या मासिक शिवरात्रि पर शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।