सोमवार दिन भगवन शिव का दिन माना गया है। सोमवार का दिन शिव जी का प्रिय दिन है। सोमवार के व्रत रखने से काफी लाभ होता है। इस दिन भक्त शिव जी का आशीर्वाद और वरदान पाने के लिए शिव मंदिर जाते है। भगवान शिव को भक्तों के जीवन से बड़ी कठिनाइयों को दूर करने के लिए जाना जाता है। कुंवारी लड़कियां भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 16 सोमवार का व्रत रखती है, ताकि उन्हें शिव जैसा पति मिले। यह सावन से पहले सोमवार से शुरू होता है, जो 16 सप्ताह तक चलता है। इन दिनों में लोग सोमवार को व्रत रखते हैं, पाठ करते हैं, कथा सुनते हैं।
पूजा करने के कुछ नियम
- व्रत का पहला नियम है कि इस व्रत को करने वाले का हृदय शुद्ध और भक्ति भाव से भरा होना चाहिए।
- व्रत के दिन सूर्योदय सेपहलेउठकर स्नान करें और स्नान करने वाले पानी में काले तिल दाल लें।
- अगर आप शिवलिंग का स्नान करें, तो जल में शहद, दही और दूध मिला लें।
- हर सोमवार को पूजा का एक ही समय रखना चाहिए।
- अभिषेक करने के दौरान महामृत्युंजय का जाप करते रहें।
- 16 सोमवार के व्रत में प्रसाद पहले ही सोमवार को बना कर रख लें और इसे 16 सोमवार तक चलाएं। प्रसाद में कोई बदलाव नहीं करना।
सोमवार व्रत कैसे करें
- सोमवार का व्रत रखने के लिए जल्दी उठे और स्नान कर साफ कपड़े पहनने। इस आप सफ़ेद रंग के कपडे पहनने, तो अच्छा है। यह रंग भोलेनाथ का प्रिय है।
- मंदिर या पूजा घर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें।
- अदरक के तेल का दीपक जलाएं और मूर्ति को साफ कर चंदन लगाएं और फूलों से सजाएं। भगवान शिव का जाप करें।
- अब बेलपत्र को हाथ में लेकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद नियमित रूप से 16 सोमवार तक व्रत करें।
- अब अपने हाथ में जल, अक्षत, पान, सिक्का और एक सुपारी लेकर भगवान शिव के मंत्र का जाप करते हुए संकल्प लें और पंचामृत अर्पित करें।
- पूजा के अंत में पान के पत्ते, मेवे, नारियल, मिठाई और फल अर्पित करें।
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- सोमवार व्रत कथा पढ़े, कपूर जलाएं और वेदी के सामने साष्टांग प्रणाम करके पूजा समाप्त करें।
- पूजा के बाद आपको पुरे दिन उपवास रखना होगा। अगर आप कहीं बाहर काम करती है, तो पूजा के बाद ऑफिस जा सकती है।
- शाम के समय मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और प्रसाद भी चढ़ाये। शाम को पूजा के बाद आप चाहे तो प्रसाद और कुछ फल खा सकती है।
सोमवार व्रत की सामग्री
भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग, गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद, चीनी, सफेद चंदन, पुष्प, फूल माला, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, भांग, धूप, दीप, अगरबत्ती, फल और मिठाई आदि सामग्री शामिल है।
व्रत में क्या नहीं करना चाहिए
- सोमवार के दिन ईष्या, क्रोध और द्वेष आदि नकारात्मक भावनाओं से खुद को दूर रखना चाहिए।
- उस आपको चोरी और झूठ इसके अलावा अन्य अनैतिक कार्यों को करने से बचना चाहिए।
- व्रत के भगवान शिव की ज्यादा से ज्यादा कथा सुनी चाहिए और उनका ध्यान करना चाहिए।
- यह व्रत बहुत कठिन माना जाता है, इसलिए व्रत करने वाले 16 सोमवार व्रत का संकल्प लेकर उसे जरूर पूरा करें।
- सोमवार के व्रत बीच में नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि और व्रत व्यर्थ चले जाते है।
- सोमवार व्रती पूजा करने के बाद पूजा के स्थान पर प्रसाद ग्रहण करें, पूजा के बीच में उठना शुभ नहीं माना जाता है।
- इस व्रत का पालन करने को सात्विक चीजें ही ग्रहण करनी चाहिए। सोमवार के दिन भूलकर भी घर में तामसिक भोजन न बनाएं।
सोमवार के व्रत रखने के लाभ
- सोलह सोमवार व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही भगवान शिव की कृपा से जीवन की हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- सोमवार का व्रत करने से विवाहित महिलाओं के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है और अविहाहित लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है।
- सोमवार व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा और उनकी कथा सुनने से आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
सोमवार व्रत से संबंधित पूछे गए प्रश्न
महिलाएं सोमवार का व्रत अपनी पति की लंबी आयु के लिए करती है। माना जाता है कि यह महीने में शिव भक्त अगर भगवान शिव की पूजा विधि विधान से करें तो उनके द्वारा मांगी गई हर मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती है।
नहीं, इस दिन बाल धोने से बचे, क्योंकि इस दिन बाल धोने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।
सोमवार का व्रत चन्द्रदेव और भगवान भोलेनाथ की अर्चना हेतु किया जाता है। इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करने से मानसिक क्लेशों से छुटकारा मिलता है एवं सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सावन के हर सोमवार से लेकर पुरे 16 सोमवार तक व्रत रखें।
कुंवारी लड़किया शिव जी का व्रत इसलिए करती है, क्योंकि वह अपना योग्य वर अपने के लिए करती है।
कहा जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती के कृपा से मृत्यु पुत्र प्राप्त पुत्र को पुनः जीवनदान मिला था। सोमवार व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा होती है।