शास्त्रों में भगवन शनिदेव को न्याय देवता माना गया है। शनि की पूजा करने से समस्त कष्टों का नाश हो जाता है और भगवान शनि की कृपा बनी रहती है। शनि को कर्म देवता भी कहा जाता है। जो लोग मेहनत करते हैं, कभी झूठ नहीं बोलते, किसी का दिल नहीं दुखाते उन पर सदैव शनिदेव की कृपा बनीं रहती है। शनि भगवान के मंदिर में कोई भी पूजा कर सकते है-जैसे-पुरुष, महिला, बूढ़े, बच्चे आदि। लेकिन औरतों को पूजा करते समय इन नियमों का पालन करना चाहिए।
- महिलाओं को शनिदेव की पूजा करते समय ध्यान रहे, उनकी मूर्ति को न छुए।
- महिलाओं का शनिदेव की मुर्ति पर तेल चढ़ाना भी मना है। ऐसा करने पर उन पर शनिदेव का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- शनिदेव की कृपा पाने के लिए महिलाएं सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
- महिलाएं शनिवार के दिन शनि से जुड़ी चीज़ों जैसे सरसों तेल, काले वस्त्र, काले जूते, लोहे का बर्तन, काली उड़द दाल, काला तिल आदि का दान कर सकती हैं।
- यदि किसी महिला की कुंडली में शनि की महादशा, शनि की ढैया या साढ़े साती चल रही हो तो आप शनिदेव को प्रसन्न करने और दोषों को कम करने के लिए किसी पंडित से पूछकर पूजा कर सकती है।
- पूजा करते समय महिलाओं को शनिदेव की आँखों में नहीं देखना चाहिए, इससे शनि की कुदृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।
- गर्भवती स्त्री को शनि देव की पूजा नहीं करनी चाहिए और न ही मंदिर जाना चाहिए।
शनिदेव को खुश करने के उपाय
- शनिवार के दिन 7 बार शनि स्तोत्र का पाठ करें।
- शनिदेव की कृपा पाने के लिए चिड़िया, मछली और पशुओं को दाना, पानी और चारा खिला सकते है।
- शनिदेव को काले रंग की गाय की सेवा करने से प्रसन्न किया जा सकता है। काले रंग की गाय के माथे पर तिलक कर गाय की दोनों सींगों में धागा बांध दें और उसकी आरती उतारे में गाय की परिक्रमा के बाद गाय को भोग लगाए। ऐसा करने से शनिदेव की साढ़े साती का प्रभाव खत्म हो जाता है।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है। सूर्याोदय से पहले पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है।
- शनिवार के दिन आप अपने हाथ की लंबाई का 19 गुणा लंबा एक काला धागा लें उसे एक माला के रूप में बनाकर अपने गले में धारण करें। यह अच्छा परिणाम देगा और भगवान शनि को आप पर कृपावान बनाएगा।
- शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाएं।
- शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए, इसके बाद पेड़ के सात चक्कर लगाने चाहिए। इस पूजा के बाद किसी काले कुत्ते को 7 लड्डू खिलाने से शनि भगवान प्रसन्न होते हैं और सकारात्मक परिणाम देते हैं।
- शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर पीपल के वृक्ष में अर्घ्य दें। इस समय पीपल वृक्ष की तीन बार परिक्रमा करें। साथ ही कम से कम पांच बार उठक-बैठक करें।
- शनिवार को बजरंगबलि की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से शनिदेव फल देने लगते है।
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- हर शनिवार को विधि-विधान के साथ पूजा करें। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा होती है।
- शनिवार के दिन कांसे की कटोरी में तिल का तेल भरें। उसके बाद उसमें अपना प्रतिबिंब देखकर तेल का दान कर दें या फिर शनि मंदिर के पीपल के नीचे रख दे।
- तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काले तिल डालें। फिर यही जल शिवलिंग पर चढाएं। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी और भोलेनाथ की कृपा से आर्थिक तंगी दूर होगी।
शनिदेव से संबंधित पूछे गए प्रश्न
शनिदेव को श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है।
शनिदेव की पूजा करने से दुःखो का अंत होता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार दिन उत्तम माना गया है। शनि देव को क्रूर ग्रह कहा जाता है।
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को शनिदेव की पूजा करना वर्जित नहीं है, लेकिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए पूजा कर सकती है।
शनिदेव को लाल रंग के फूल और लाल रंग का कपडा आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। शनिदेव को गेंदे का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भी वो नाराज हो जाते हैं।
शनिदेव पूजा के द्वारा भक्त उनके क्रोध को शांत करने का प्रयास करते है और उनसे शुभ फल की प्राप्ति की कामना करते है। शनिदेव की कृपा भक्तों पर हमेशा बनी रहती है।